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नवरात्र में 'समृद्ध सुकन्या-समृद्ध समाज' के तहत डाकघर में बेटियों का खुलेगा सुकन्या समृद्धि खाता-पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
डाक विभाग की पहल : नवरात्र में बेटियों को उपहार में मात्र ₹250 से सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर कराएं कन्या पूजन
गाजीपुर जिले में 66,677 बालिकाओं के डाकघरों में खुले सुकन्या समृद्धि खाते
नवरात्र का पर्व नारी-शक्ति की आराधना को समर्पित है। बेटियाँ और महिलाएँ सशक्त होंगी तो समाज भी सशक्त होगा। इसी क्रम में डाक विभाग ने 'समृद्ध सुकन्या-समृद्ध समाज' एवं 'समृद्ध नारी-समृद्ध समाज' अभियान चलाया है। इसके तहत डाक विभाग अब हर घर में नारी शक्ति तक पहुंचेगा। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के निर्देश पर 6 जिलों - गाजीपुर, वाराणसी, भदोही, चंदौली, जौनपुर व बलिया में यह अभियान चलाया जायेगा। वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में अब तक 3.46 लाख बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, वहीं 1,020 गाँवों को 'संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम' के रूप में आच्छादित किया जा चुका है। गाजीपुर जिले में 66,677 बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते डाकघरों में खुले हैं।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि नारी सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में 'महिला सम्मान बचत पत्र' और 'सुकन्या समृद्धि योजना' जैसी योजनायें अहम् भूमिका निभा रही हैं। ऐसे में नवरात्र के दौरान बेटियों का सुकन्या समृद्धि खाता और महिलाओं का 'महिला सम्मान बचत पत्र' खुलवाकर एक नई पहल की जा सकती है। यह उन्हें आर्थिक व सामाजिक दोनों रूप में सशक्त बनाएगा। आज़ादी के अमृत काल में महिलाओं के लिए आरम्भ 'महिला सम्मान बचत पत्र' को भी महिलाओं ने हाथों-हाथ लिया है। श्री यादव ने कहा कि 1 अप्रैल, 2023 से आरंभ इस योजना में वाराणसी परिक्षेत्र में लगभग 21 हजार महिलाओं ने 1.02 अरब रूपये का निवेश किया है। वहीं 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को मूर्त रूप देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक कुल 3.46 लाख बेटियों के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें गत वित्तीय वर्ष में लगभग 58 हजार बेटियों ने सुकन्या खाते खुलवाए।
पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत मात्र ₹250 से 10 वर्ष तक की बेटियों का खाता डाकघर में खुलवाया जा सकता है। इसमें 8.2 % ब्याज है, जो कि किसी भी लघु बचत योजना से अधिक है। यह खाता बेटियों की पढ़ाई एवं शादी के लिए एक वरदान की तरह है। आयकर की धारा 80 सी के तहत आयकर में डेढ़ लाख तक की छूट का भी प्रावधान इस खाते में है।
पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि नवरात्र के दौरान परिवार की बेटियों का डाकघर में सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर कन्या पूजन कर सकते हैं। यह कार्य नवरात्रि में किया जाए तो और भी पुण्य मिलेगा। नवरात्रि में कन्याओं का बहुत महत्व होता है। इस दौरान कन्याओं को पूजा के लिए घर पर आमंत्रित कर उपहार देने की भी परंपरा है।
गाजीपुर मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री पीके पाठक ने बताया कि सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के लिए बालिका के आधार की प्रति और उसके माता या पिता के आधार कार्ड एवं पैन की प्रति तथा दो फोटो के साथ नजदीकी डाकघर में संपर्क किया जा सकता है।
सी एच सी के दर्जे वाले अस्पताल की दशा खराब। जमानियां गाजीपुर।
गरीब समाज के लिए एकमात्र सहारा सरकार के द्वारा दी गयी सरकारी सुविधाओं में सरकारी हॉस्पिटल और सरकारी स्कूल एक मात्र साधन है शिक्षा और स्वास्थ्य की जरूरत पुरा करने के लिए लेकिन जब उसी की व्यवस्था अव्यवस्थित हो तो गरीब व्यक्ति के लिए इस समाज में दुर्दशा के अलावा क्या रह जाएगा इसी क्रम में जमानिया के बरूईन गांव मे उपस्थित सी एच सी दर्जा प्राप्त हॉस्पिटल की हालात कुछ ऐसी है कि पता नहीं कुछ वर्षों से वहां के नागरिक अपनी स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था कैसे पूरी करते हैं एक तो इन सरकारी व्यवस्थाओं पर वैसे ही विश्वास नहीं रहता है कि सरकारी कर्मचारी व अधिकारी सही ढंग से कार्य नहीं करते उसमें इन अस्पतालों की दुर्व्यवस्था रहे तो आखिर गरीब व्यक्ति कहां जाए इस अस्पताल में दुर्व्यवस्थाओं के कारण
डॉक्टर के ना रहने की व्यवस्था है ना ठीक से बैठने की व्यवस्था और जांच वगैरह की व्यवस्था तो अति दुर्लभ है इस क्रम में सुधार करके गांव के अथवा आसपास के गरीब लोगों के लिए इसकी सुविधा को दुरुस्त किया जा सकता है लेकिन कब अधिकारियों के कान में भनक पड़ेगी और कब उनकी आंखें इस दुर्व्यवस्था को देखकर इसकी दोस्ती करने के क्रम में आगे बढ़ेंगे फिलहाल के लिए डॉक्टर के आवास के लिए एक्कीस लाख रुपए के बजट से पुराने मकानों को दुरुस्त किया जा रहा है देखते हैं आगे इस क्रम में सरकारी अस्पताल जो सीएचसी दर्जे का है उसे किन-किन सुविधाओं से लैस किया जाता है।
जमानियां क्षेत्र के विकास में क्षतिग्रस्त सड़कें बाधक। journalist praveen revival
जमानिया क्षेत्र के एन एच 24 की सड़के हो या पीडी की ताजपुर से धरनी रोड हो या गांव की सामान्य सड़के सीसी रोड इत्यादि इतनी क्षतिग्रस्त है कि नागरिकों को रोज भारी तकलीफों का सामना करना पड़ता है बीमार व्यक्ति को धोना हो या फिर रोजमर्रा की जरूरत के लिए बाहर निकलना हो इसके लिए सड़कों का ही व्यवस्था दुरुस्त होना चाहिए जबकि सड़के क्षतिग्रस्त अथवा गड्ढा युक्त होने से कितनी समस्याएं आम नागरिकों को करनी पड़ती है या तो वह नागरिक ही जानता है लेकिन सरकार के मनसा अनुसार सड़क के गधों को भरा जा रहा है नहीं उसकी रिपेयरिंग की जा रही है और विभाग भी जानकारी यह प्राप्त होती है कि बजट नहीं है तो फिर क्या इसी दुर्व्यवस्था के साथ नागरिकों को जीने का रास्ता दिखाया जाएगा वाहनों की तो ऐसी की तैसी लेकिन रोजमर्रा की भाग दौड़ में यह सड़के आम आदमी को एक सुलभ जिंदगी देने के लिए सक्षम होती है लेकिन उनकी दुर्व्यवस्था के कारण आम नागरिकों की जिंदगी अति दुर्लभ अथवा कष्टकारी हो चुका है जिला गाजीपुर के बहुत सारी सड़कों की स्थिति ऐसी ही बनी पड़ी है लेकिन शायद शासन के अथवा प्रशासन के दिमाग पर बाल नहीं पड़ रहा है अब इसकी सुनवाई कहां पर होगी यह हमारे प्रतिनिध प्रतिनिधि ही बता सकते हैं कि उनके क्षेत्र का विकास कैसे हो सकता है जहां सड़कों की स्थिति ऐसी हो और प्रशासन की स्थिति यह की सूचना के बाद भी उन्हें दुरुस्त करने की कवायत नहीं कर रहे हैं और जैसे कि शून्य कार्य की स्थिति बनी पड़ी है।
चंदौली वह गाज़ीपुर जनपद की प्रतिष्ठा में चार चांद लगाती स्वाति सिंह ने नीट की परीक्षा 2024 को पास किया
असना गांव की मूल निवासी स्वाति सिंह पुत्री बिमल सिंह जो जमानिया में भी रहती हैं नीट परीक्षा 2024 को उत्तीर्ण कर लिया है जिससे दोनों जिलों का मान बढ़ाया है और दोनों जगह के लोगों में हर्ष है कि हमारे जिले की बिटिया ने नीट परीक्षा को अच्छे अंकों से सफलता हासिल की 720 अंकों का नीट परीक्षा में स्वाति सिंह ने 647 अंक प्राप्त किया वही यह भारतीय किसान यूनियन पूर्वांचल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संत विलास सिंह की पौत्री है स्वाति सिंह से बातचीत में हिंदुस्तान न्यूज़ पोर्टल ने उन्हें बधाई देते हुए उनकी प्रेरणा श्रोत के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया तो उन्होंने प्रेरणा के तौर पर अपने माता-पिता का वह अपने दादा का सहयोग सर्वपरी माना लेकिन हर सफलता के पीछे कहानी होती है उन्होंने इस कहानी के पीछे अपने दादी का नाम भी लिया जिनकी मृत्यु कुछ वर्ष पूर्व गाजीपुर व चंदौली जिले में डॉक्टर के अभाव में अथवा अच्छी चिकित्सा के अभाव में यह घटना उनकी दादी के साथ घटी जिससे उनके अंदर अपने परिवार में अथवा समाज में एक अच्छे डॉक्टर का ना होना भी पाया गाजीपुर में चंदौली जिले में अच्छे अस्पतालों की कमी को भी महसूस करती हैं और दादी के मृत्यु के उपरांत उन्हें डॉक्टर बनने की चाहत प्रबल होती रही जिसकी वजह से वह आज नीट परीक्षा को क्लियर कर डॉक्टर बनने के प्रथम चरण को पास कर लिया है ऐसा लगता है कि समाज में वह छात्र बेहतर विकल्प ले लेता है जो परिस्थितियों को मोड़ने की चाहत रखता है और लगता है कि समाज में कुछ कमियां है उसे पूर्ण करने के लिए वह दावेदारी कर सकता है इसी क्रम में स्वाति सिंह के वक्तव्य से लगा कि जिसके अंदर जिस छात्र व छात्र के अंदर ऐसी भावनाएं जन्म ले की समाज में जो विकृति हो रही है उसको दूर करने के लिए एक उद्देश्य लेकर चले तो शायद यह समाज बदलने लगेगा और अपने उद्देश्यों को लेकर चलने वाला विद्यार्थी अवश्य ही सफल होगा और अपने परिवार समाज और देश को आगे ले जाने में उसकी भूमिका प्रबल होगी और वह अंतः करण से वह भ्रष्टाचार से दूर सेवा करने के लिए प्रबल इच्छा शक्ति के साथ वह आगे बढ़ता जाएगा।